सौराठ हड़प्पन . Sorath Harappan
"सौराठ हड़प्पन" . "Sorath Harappan"
यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेंसिल्वेनिया के ग्रेगोरी पोशेल ने सौराष्ट्र के पादरी साइट में पहली बार सिरेमिक के सुन्दर प्रयोग पाए. ये सुन्दर सिरेमिक के प्रयोग सौराष्ट्र अंचल में ही पाए जा रहे थे. इस आधार पर "सौराठ ( सौराष्ट्र ) हड़प्पन" के नाम से इसे चिन्हित किया और बतलाया ये तकरीबन २६०० ईस्वी पूर्व के हैं . ग्रेगोरी पोशेल की धारणा गलत तथा अशुद्ध थी . सत्य यह था पादरी जैसे स्थल द्वारिका के शासन अंतर्गत थे . द्वारिका में ही उच्च स्तर के सिरेमिक प्रयोग फ्लोर निर्माण में पाए गए हैं जो अन्यत्र विश्व के प्राचीनतम सभ्यता में कहीं नहीं देखी गई. प्रस्तुत चित्र भगवान कृष्ण के राजमहल के पास प्राप्त वे सिरेमिक के फ्लोर हैं जिनसे लगभग संपूर्ण द्वारिका पटी पडी है. उच्च स्तर के सिरेमिक निर्माण हाई स्पीड व्हील के होने का स्पष्ट संकेत दे रहे हैं. इस खोज ने भारतीय सभ्यता के विषय में हो रहे भ्रामक अवधारणा को ख़ारिज कर दी है तथा उन सबों को कटघरे में खड़ी करती हैं जिन्होंने भारत के विषय में गलत अवधारणा दी . ( सन्दर्भ - "डिस्कवरी ऑफ़ लॉस्ट द्वारिका " )
The "Sorath Harappan" ( correct name - Sourashtra Harappan ) speaks the glory of ceramic use in Sourashtra sites of Bhagvan Krishna. This is widely seen at Padri. Gregory Posshel, from the University of Pennsylvania has estimated the ceramic use dated around 2600 BCE at the Padri. This is a partial view of Posshel. The dating is defective, conservative and observation is poor. Because, the dating is short by 600 years from the Dwarika ( 3200 BCE ). The correct view is that the lavish use of ceramics are seen in India at Dwarika, where the ceramic tiles are extensively used for floor finishing. This ceramic use paves the way for high speed use of wheel. The submerged site of Bhagvan Krishna which is widely known in the MB as Dwarika ( 3200 BCE ) has abundant use of high quality best ceramic materials in residential premises and submerged ports. An image caption is here. This is found near the Rajmahal ( Water fort ) of Bhagvan Krishna. This challenges the colonial pattern of defective thinking around the world on the Indian Civilization and culture. (From the author's book the - "Discovery of Lost Dwarika" )
Dwarika description from the author's book - "Discovery of Lost Dwarika" Available in the Paper book at Amazon America. The Hindi book is available at the Amazon India click the link .
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