Double The Size Harappa Buried And Sea Submerged At Dwarika

 



(Based on satellite discovery published book from the Amazon - "Discovery Of Lost Dwarika".  

When this post was about to publish I got information that the Ministry Of Culture , Government Of India has constituted a high power committee , which shall study the antiquity of India. The basic questions are : Why Government; the ASI and the Ministry Of Culture are not aware of an advanced Civilization of Krishna under the Sea !! Is it a force to declare Krishna as "mythical " !!! What the white elephant - ASI is doing !!! When they shall awake - when entire archaeological evidence , structures , buildings are spoiled !!! This is not the failure of the system !

The Sea Submerged Dwarika of Bhagwan Krishna is looking Indian - American collaboration to move further. Some more than 100 satellite photographs of Sea submerged Dwarika are published in my book - DISCOVERY OF LOST DWARIKA - available at Amazon in ebook and paperback. The link is :

Indian Amazon brings book here :

https://www.amazon.in/s?k=discovery+of+lost+dwarika&rh=n%3A16060087031&ref=nb_sb_noss

Paperback  edition is here:

https://www.amazon.com/dp/B088LJJ955

I may be contacted at : birendrajha03@yahoo.com

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Many Vedic symbolism of India are missing from our mainstream history books. India and her unfortunate people have forgotten them. In the Mahabharata the Vedic Symbolism of Krishna is Unicorn Bull ( This is dual Vedic symbolism where head to neck is of Horse and neck to remaining part is of Bull with one stiff horn on head). In the "Vishnu-Sahastranaam" we come across many Vedic symbolism with which Krishna is associated. This composition "Vishnu-Sahastranaam" is very old and contains many historical references about Krishna. He is "yōgō yōgavidāṁ netā" -The ultimate Great Master & Leader of Yoga"; Dwarikadheesh is "Siva"; He is "Trikakub" = one body with three parts ( This symbolism is found on the Harappan seals with three Unicorn heads ). He is "Vedavid"- The Great Master of the vedas; He is "Lokadhyaksah suradhyakso"- The leader of dominating region; He is "vṛṣāhī vṛṣabhō" - One in the divine form of "Vrishabha" ( Bull ); He is "śipiviṣṭaḥ" ( Nighantu says Krishna is remembered as "śipiviṣṭaḥ", who recovered the lost Vedic Glossary made on the clay seals ); He is again "tripadastridaśādhyakṣō mahāśṛṅgaḥ" - In a divine form of Bull with three body parts with one stiff horn. He is "Śṛṅgī"- Krishna in divine form of Bull with one stiff horn - who lifted this Earth during "Pralaya" (during cosmic synthesis of deluge - He lifted this Earth on his stiff horn). This is an ancient tribute to Krishna for restoring the Earth for natural habitation.

This entire symbolism we see on the Harappan Seals. Dwarika, the patron of Harappa brings before us a ultra modern city several times modern, advance and better than Harappa. This was natural, as Dwarikadheesh, the King of Harappa, was sitting here. The Dwarika food granary was several times bigger than the Harappa. In satellite measurement the granary spread is 237 metre X 20 metre square area. This is several times bigger than Harappa, which was a very small granary. Near this granary we see advance city with excellent town planning. The planning and spread shows - the city was several times bigger than Harappa. A satellite photo is given here of one place in four various frames to understand the spread of this town planning. The last one shows house structures buried under sea water with deep spread of green coral reef. Still house structure roads and other arrangement are seen here.

गरुण पुराण , अनुशासन पर्व ( महाभारत ) भगवान् द्वारिकाधीश के १००० नाम कहती है . ये हरेक नाम द्वारिकाधीश के वैदिक चरित्र को बतलाते हुए कई ऐतिहासिक जानकारी देती है . "विष्णुसहस्त्रनाम" प्राचीन वैदिक समाज को समेटते हुए आधुनिक महाभारत काल तक के इतिहास को बताती है . इसी में हरी , काल , वासुदेव, आत्मा , प्रकृति ये नाम आते आते एकाएक, " एकशृंग वृषभ " नाम पाते हैं . एकशृंग वृषभ की चर्चा बहुत जगह की गयी है जिससे यह प्रमाणित होती है कि भगवान् द्वारिकाधीश के अनेक प्रिय तथा महत्त्वपूर्ण नामों में एक नाम एकशृंग वृषभ भी है . इसके अतिरिक्त अनेक महत्वपूर्ण नाम प्राप्त होते हैं जिसे हम मोहनजोदड़ो में देख सकते हैं . अत्यंत प्राचीन वैदिक विषय भारतवर्ष तथा यहां की अभागी प्रजा भूल चुकी है . इसी वैदिक विषय में छिपी है भगवान कृष्ण के महत्त्वपूर्ण वैदिक विषय . महाभारत वर्णित "एकशृंग वृषभ" कृष्ण का अत्यंत प्राचीन प्रिय नाम तथा वैदिक स्वरूप है . यह वह "सिम्बोलिस्म" स्वरूप थी जो सर से गर्दन तक घोड़ा ; गर्दन से अन्य शरीर वृषभ तथा सर पे तीक्ष्ण श्रृंग होता था ). वराह का यह अत्यंत प्राचीन स्वरूप धीरे धीरे लोग भूल गए . इस्लाम के घोर संक्रमण काल में हम कृष्ण के वैदिक स्वरूप को भूल चुके थे. "विष्णु सहस्त्रनाम" कृष्ण के वैदिक स्वरूप को बतलाती है . वह "योगो योग विदां नेताम" ( अर्थात योग विद्या के श्रेष्ठ गुरु हैं ) ; वे संहार के समय "शिव" हैं ; वे "त्रिक-कुब" ( एक वृषभ तीन सर युक्त हैं - यह स्वरूप सिंधु मुद्रा में प्राप्त हैं ) ; वे "वेदविद" हैं - वेद ज्ञान के श्रेष्ठ गुरु हैं ; वे " लोकाध्यक्षः सुराध्यक्षः" ( विशाल गणराज्य के अध्यक्ष स्वामी हैं ) ;वे " वृषही वृषभो" हैं अर्थात वृष स्वरूप हैं ; वे "शिपिविस्टः" हैं ( निघण्टु ग्रन्थ में सूचना प्राप्त होती है की कृष्ण का एक प्रिय नाम "शिपिविस्ट" है की कृपा से ऋषि यास्क ने मिट्टी की मुद्राओं में लिखे वैदिक शब्दकोश जो बाढ़ के कारण जमीन में धंस गयी थी - को खोज के निकला. यह घटना कहती है की कृष्ण विशाल गणराज्य के स्वामी हैं उन्होंने आर्थिक , व्यक्तिगत रूचि ले कर इस प्राचीन पुरातत्व से सम्बंधित उत्खनन को संपन्न किया था ) ; वे "त्रिपदस्त्री दशाध्यक्षो"( एक वृषभ तीन सर युक्त तथा देश दिशाओं के स्वामी ) ; वे "श्रृंगी" ( एकशृंग वृषभ ) हैं

ये सारे स्वरूप हड़प्पा के मुद्राओं में हम देख सकते हैं . द्वारिका का स्वरूप समझे बगैर आप हड़प्पा को नहीं समझ सकते. द्वारिका का एक खाद्य भण्डार २० X २३७ मीटर लम्बे क्षेत्र में है . यह विश्व की सबसे बड़ी प्राचीनतम खाद्य भण्डार है . इसी के पास सुनियोजित हड़प्पा जैसी नगर मिली है. अमरीका के उपग्रह संस्थान मॉक्सार टेक्नोलॉजी ने दुर्लभ तस्वीर लेने का प्रयास किया है जो यहां क्रम से ऊपर से नीचे चार चित्रों में दी गयी है. ये एक ही स्थान के फोटोग्राफ्स हैं. चौथे चित्र में मकान के बड़े हिस्से हरे कोरल से ढँक गयी है . मकान के बीच सड़क तथा समानांतर एक दूसरे को काटती सड़क स्पष्ट देखा जा सकता है .
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