THE FORGOTTEN LAND OF BHAGWAN KRISHNA. भगवान कृष्ण की विस्मृत भूमि .



Picture:  The Water Fort Palace ( Rajmahal ) Of Bhagwan Krishna - in white stone . 

The Sea Submerged Dwarika of Bhagwan Krishna is looking Indian - American collaboration to move further. Some more than 100 satellite photographs of Sea submerged Dwarika are published in my book - DISCOVERY OF LOST DWARIKA - available at Amazon in ebook and paperback. The link is :

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The "Rigveda" describes a maritime society of oceans and ship. This is about Dwarika. This information descended in the rewriting and recompilation of the Rigveda during the Mahabharat era. The British Prime Minister Stanley Baldwin in 1929 before the House of Common said " By establishing British rule in India, God said to the British, "I have brought you and the Indians together after a long separation.... It is your duty to raise them to their own level as quickly as possible". The Britishers' raised us. We were uncivilized, barbaric; nomadic; pastoral and no idea or knowledge of maritime society or ocean at the water starved Central Asia !!! . When we read the ocean filled passage from the Rigveda, or examine our archaeological maritime past at Dwarika, we find ourself better than the maritime experience from the Europeans and even the Babylonians. We have never seen in any world history where white stone water fort was constructed inside sea channel using the best perfection of mind ( Picture enclosed of Bhagwan Krishna's white stone sea water fort ). . Indians after the Islamic invasion forgotten Sanskrit and were more serious towards the Persian language for earning bread and butter. During the Islamic rule, people were punished or even high tax was imposed if practising Sanskrit. The situation was very worse during the British Raj. Indians almost forgotten their ancient language. In 1891 Swami Vivekananda addressed before a group of youngsters: " Study Sanskrit, but along with it study Western science as well. Learn accuracy, my boys, study and labor so that the time will come when you can put our history on a scientific basis." He also said " English writers talk of our downfalls . How can foreigners, who understand very little of our manners and customs , or our religion and philosophy, write faithful and unbiased histories of India ?" . Nehru ignored the voice of Vivekananda. The new free India and its feudal establishment damaged this nation and its cultural and historical fabric. The Eurocentric "Discovery of India", remained an authorized view of the Government of India. British Professor AL Basham, trained the Indians mind, to forget their legacy. The AIT was the major part of his work, "The Wonder That was India". The book was aimed by Basham for the western audience. Basham, attempted to restore the legacy of India, a negative stereotypes, of India created by authors like James Mill, Thomas Babington Macaulay and Vincent Arthur Smith. . The legacy was restored by Nehru. The Indians forgotten the lost land of Bhagwan Krishna at Dwarika. . 


ऋग्वेद अपने कई सन्दर्भ में समुद्री समाज का विस्तार से जिक्र करता है . यह द्वारिका समाज का चित्रण था. अत्यंत प्राचीन ग्रन्थ ऋग्वेद का कई स्तर पर पुनर्लेखन होते गए हैं . हरेक पुनर्लेखन अपने समसामयिक समाज का जिक्र करता रहा है. ऋग्वेद का पुनर्लेखन द्वारिका सभ्यता काल में की गयी थी . जिस कारण द्वारिका समाज और पूर्व में रामायणकाल के महत्त्वपूर्ण घटना दाशराज्ञ युद्ध का वर्णन ऋग्वेद में समाहित हो गयी . ऋग्वेद रामायण काल से भी काफी पीछे की घटना है . ऋग्वेद में हम जिस आधुनिक समाज का चित्रण देखते हैं वह द्वारिका है . ब्रिटिश प्रधान मंत्री ने १९२९ में अपने संसद में कहा था - भारत में ब्रिटिश राज... ईश्वर इच्छा से ब्रिटिश और भारतीयों का मिलन स्थल है. यह मौका है भारतीयों को शिक्षित करने का . अंग्रेजों ने हमें शिक्षित किया . मध्य एशिया में हम बर्बर; गड़ेरिया संस्कृति के लोग थे जो समुद्र और समुद्री समाज नहीं जानते थे . भला मध्य एशिया के सूखे रेगिस्तान में समुद्र और समुद्री समाज का क्या काम !!! . भारत का समुद्री समाज का अतीत स्वर्णाक्षरों में लिखे जाने योग्य है . जब हम द्वारिका के समुद्री समाज तथा समुद्री नहर के बीचों बीच भगवान श्रीकृष्ण के सफ़ेद पत्थर से बने विशाल राजमहल को देखते हैं ( देखें चित्र ) तो हम पाते हैं कि हमारा समुद्री ज्ञान यूरोप तथा बेबीलोनिया से भी काफी उन्नत था . विश्व के किसी इतिहास में द्वारिका जैसी सुन्दर संस्कृति वाली प्राचीन शहर का जिक्र नहीं मिलता न ही उसके प्राचीन पुरातात्विक अवशेष प्राप्त होते हैं . द्वारिका प्राचीन ग्रीक; मेसोपोटामिया के बेहतरीन शहरों से भी काफी सुन्दर था. . इस्लामिक आक्रमण के बाद भारत के लोग संस्कृत भूलने लगे . पर्सियन और उर्दू भाषा रोटी दाल अर्जित करने की आवश्यक भाषा बन गयी. संस्कृत का पठन पाठन चोरी छिपे ही होता था. गुरुकुल विद्यालय बंद कर दिए गए तथा जजिया टैक्स बढ़ा दी गयी. ब्रिटिश राज में तो स्थिति अत्यंत भयावह थी . इसलिए विवेकानंद ने संस्कृत के पठन पाठन पर जोर दिया था . उनका कहना था एक विदेशी जो भारत की सभ्यता और संस्कृति नहीं जानता वह निष्पक्षता के साथ भारत के विषय में कैसे लिख सकता है . . नेहरू जी ने विवेकानंद को दरकिनार कर दिया . स्वतंत्र भारत अब पहले से भी अत्यंत भयावह था . भारत के प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को इस्लामिक श्रेष्ठता में तोड़ दी गयी . " डिस्कवरी ऑफ़ इण्डिया " भारत सरकार की मार्ग दर्शिका बन गयी . जिसने ए.अल. बाशम जैसे ब्रिटिश लेखकों को ही पोषित किया जो भारत के लोगों को मध्य एशिया के बर्बर समाज के साथ जोड़ता था . . नेहरू जी ने इस परम्परा को कायम रखा . जल्द ही भारत के लोग भगवान कृष्ण के प्राचीन पवित्र धरती को भूल गए . . 

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Excerpt taken about Dwarika from the author's published book DISCOVERY OF LOST DWARIKA. Available at : https://www.amazon.com/dp/B088LJJ955 . देश सेवा में संसद और सांसद की आवाज क्या हो. ज्वलंत समस्या है भारतीय सभ्यता और संस्कृति की रक्षा . द्वारिका सभ्यता की रक्षा करने का दायित्व संसद तथा सांसद का है जो आक्रामक रूप से भारतीय सभ्यता और संस्कृति की रक्षा कर सकें . दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा . VOICE OF PARLIAMENT यह पेज द्वारिकाधीश भगवान् की सेवा में है. LIKE करें

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