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Showing posts from May, 2022

ज्ञानवापी

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☝ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर का दृश्य . लन्दन के ब्रिटिश लाइब्रेरी में १९वीं शताब्दी के शुरुआत में ली गई ज्ञानवापी का चित्र. यह कूप दीवार से घिरी है  मत्स्य पुराण में विश्वनाथ मंदिर का वर्णन मिलता है. इसमें अविमुक्तेश्वर, विश्वेश्वर और ज्ञानवापी का उल्लेख किया गया है. इसके बाद स्कंदपुराण में भी उल्लेख किया गया है. स्पष्ट है ज्ञानवापी  पुरातात्विक महत्त्व की सम्पदा है. शिवाजी महाराज को आगरा कारागार से छद्म रूप में राजा जय सिंह - प्रथम ने भाग निकलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. औरंगजेब ने इसका उत्तर बनारस के मंदिर को तोड़ कर दी. यह सर्वविदित तथ्य  है की  चाटुकार इतिहासकार इस बात को नहीं मानते. संयोग से  मत्स्य पुराण में  जिस ज्ञान वापी का वर्णन मिलता है वह यूरोप  के  प्रतिष्ठित भ्रमणकारी फोटोग्राफरों ने इसका चित्र संकलन ली है जो ब्रिटिश लाइब्रेरी, लन्दन  में संगृहीत है.   कुछ लोग "प्लेस औफ वरशिप एक्ट १९९१"   के आधार पर  इस स्थान को पर्यवेक्षण के अधिकार से वंचित रखना चाहते हैं.   यह १९९१ की वह कांग्रेस क़ानून है, जिसने  काशी और मथुरा का रास्ता हिन्दू आस्थावान लोगों के लिए बंद कर द

"शिशुपाल वध" और द्वारका की अश्व किला

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  ☝माघ रचित "शिशुपाल वध" में द्वारका के अश्व किला का विहंगम वर्णन अनायास नहीं मिलती. प्राचीन सूचना के आधार पर माघ ने द्वारका का विहंगम चित्रण खींचा है. जिसका भारतीय संस्कृत साहित्य में जोड़ा नहीं    "होगी सफलता क्यों नहीं कर्त्तव्य पथ पर दृढ़ रहो॥ अधिकार खो कर बैठ रहना, यह महा दुष्कर्म है" अनमने  भाव से भारत के लोगों  ने  भगवान कृष्ण को जाना है. हमारे इतिहासकार तो कुछ बोलते ही नहीं.  हमारे कथावाचक और माघ   जैसे प्राचीन साहित्यकार  अपने इष्टदेव भगवान कृष्ण का गुण गान करते हैं. भागवत के जरासंध वध के स्थान पर चेदिनरेश पराक्रमी  शिशुपाल का वध तो कोई साधारण मनुष्य कर नहीं सकता. माघ की "शिशुपाल वध" में भगवान कृष्ण के वीरतापूर्ण - तेजोमय स्वरूप की चित्रण प्राप्त होती है. बुद्धिमान माघ ने भगवान कृष्ण के लिए प्राचीन ऐतिहासिक  शब्द  सम्बोधन में  वराह , आदिवराह तथा  महावराह कहा है.   भगवान  बलराम,  शिशुपाल को चेदि राज्य में वध की बात करते हैं. भगवान कृष्ण ने इस योजना का  समर्थन नहीं  किया. योजना बनती है शिशुपाल को   चेदि राज्य  से बाहर तथा युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ  मे

Analogue Technology: Oil Source Detection Tool

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     ☝ The Dwarka of Bhagwan Krishna is in danger. The petroleum wastes have killed the marine environment of this area.  The orange color petroleum wastes coming from  the ship is a daily affair. It shall kill the Dwarka Island.  Save it before it is too late.      I have demonstrated the effective use of the Analogue Technology in detecting the undersea archaeological materials - up to the level where Sunlight travels effectively. Now I am demonstrating how the Analogue Technology has been used in tracking the oil pollution. The oil pollution has been responsible for damaging the marine life of the Dwarka of Bhagwan Krishna. The rate of damage is fearful. The petroleum wastes have killed mangroves. Any moment, Bhagwan Krishna island may be washed away by sea. While tracking the oil pollution, by chance I have discovered and detected, somewhere in the Indian site,  a large Oil Rig. I have called it the "Krishna Oil Rig". This Oil Rig is larger then the Mumbai High. This Oil