कृष्ण कालीन भारत
कृष्ण कालीन भारत की कहानी कोई ५१०० वर्ष पहले शुरू होती है. सर जॉन मार्शल ने अपने मोहनजोदड़ो के रिपोर्ट में अनायास प्राचीन भारत के बारे में अनेक अनर्गल बातें लिखी थी जो आज खंडित हो रही हैं. यह इस देश की विडम्बना रही है की कभी भी इन प्राचीन सभ्यताओं के बारे में इसका लेखा जोखा रामायण या महाभारत के विशाल प्राचीन साहित्य से कभी नहीं जोड़ी गई. इन्हें इतिहास का ग्रन्थ कभी नहीं मानी गई . रामायण काल से ही प्राचीन सौराष्ट्र भारत के संस्कृति का अभिन्न अंग रही है. महाभारत बतलाता है की भगवान कृष्ण ने मथुरा छोड़ने के पश्चात उत्तर पश्चिम के समुद्र के द्वीप में एक नए नगर का निर्माण किया था. यह प्राचीन सौराष्ट्र की राजधानी द्वारिका थी. महाभारत युद्ध ( ३१३८ ईस्वी पूर्व ) के पश्चात सौराष्ट्र का शासन अफगानिस्तान से लेकर पश्चिम भारत तक फ़ैली हुई थी. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग अपने अस्तित्व काल से ही भारत में झूठ परोस रही है. यहां कार्य करने वाले लोगों की बड़ी जमात भगवान कृष्ण को मिथक मानती है. शायद इसलिए ७५ वर्षों से भी ऊपर कच्छ की खाड़ी में भगवान कृष्ण की विशाल सांस्कृतिक धरोहर को खोजने का प्