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Migration of Bhagwan Krishna Symbolism From India To Ireland & Scotland

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Bhagwan Krishna - with His Chakra and His symbolisms in Unicorn ( top two Unicorns) and "Virat-Swaroop Symbolism" as "Navagunjars". The "Navagunjars" have appeared in India    at the Jagannath Temple of Puri ( downside three panels )   with peacock head and tiger tail.  This vital evidence is demonstrated at the  sides of the Silver Cauldraon, now  at the Denmark Museum.  The "Navgunjar",  demonstrating the "Virat Swaroop" of Bhagwan Krishna shown to Arjun at the MB War. This symbolism represents the nine different animals including tiger, horse, peacock, camel, elephant and human body to demonstrate the "Virat Swaroop". This symbolism appears at the Mohenjodaro seal and the Neelchakra of Bhagwan Jagannath Temple at Puri.   Before reading please correct the age line: Chandragupta Maurya -1516 BCE ( Not 323 BCE ); Gautam Buddha 1864 BCE Not 500 BCE ; Mahabharat war 3138 BCE- Not 14th Cent BCE; Dwarika Submersion 3102 BCE  Peopl

द्रुह्य : एक विस्मृत छवि . Druid: A Forgotten Memory

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  मोहनजोदड़ो का योग ध्यानस्थ मुद्रा  द्रुह्य  के साथ आयरलैंड  पहुंची .    आयरलैंड में  योग ध्यानस्थ मुद्रा कुछ इस रूप में मिलती है . The Yogic deity of the Mohen-Jo-Daro is  seen in the Druids  at the Ireland लेख पढ़ने के पहले काल क्रम को शुद्ध कर लें - चन्द्रगुप्त मौर्य १५१६ ईस्वी पूर्व न की ३२३ ईस्वी पूर्व . गौतम बुद्ध १८६४ ईस्वी पूर्व न की ५०० ईस्वी पूर्व .  महाभारत युद्ध ३१३८ ईस्वी पूर्व  . Before reading correct the age line of India - Chandra Gupta Maurya  1516 BCE - Not 323 BCE  . Gautam Buddha 1864 BCE ( Not 500 BCE ) . The Mahabharata War 3138 BCE.  भारत के चंद्र वंश में अनेक प्रतापी राजा हुए. वैदिक राजा ययाति के पांच पुत्र : यदु, तुर्वशु , अनु , पुरु तथा  द्रुह्य  हुए. यदु वंश में भगवान कृष्ण  आये और पुरु वंश में राजा भरत तथा कुरु हुए.  पुरुवंश चंद्र वंशी राजा थे जो समुद्र गुप्त तक चली है. इन सभी वंश में भगवान कृष्ण श्रेष्ठ थे. जब ये  द्वारका  के राजा थे, यदु, तुर्वशु , अनु , पुरु तथा  द्रुह्य के वंशज इनके शासन के अंतर्गत  राज काज देखते थे. जब द्वारका डूब गई तब   द्रुह्य यहाँ स

स्मृति शेष है : "कुरु -जांगाल" The "Kuru -Jaangal" The Forgotten Vedic Province

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  लेख पढ़ने के पहले कृपया इस काल समय को ध्यान में रखें . Before reading this article please correct the age line :  १. चन्द्रगुप्त मौर्य -1516 ईस्वी पूर्व ( Chandragupta Maurya - 1516 BCE )  २. गौतम बुद्ध - 1864 ईस्वी पूर्व   ( Goutam Buddha - 1864 BCE )  ३. महाभारत युद्ध -3138  ईस्वी पूर्व  ( Mahabharat War 3138 BCE )  महाभारत हमारी प्राचीन संस्कृति और इतिहास का केंद्र बिंदु है. महाभारत को भारत के लोगों ने विद्रूप कर दी है . हम विदेशियों को दोष क्यों दें. जो थोड़ी बहुत कमी थी वह हमारे   पुरातत्त्ववेत्ताओं ने पूरी कर दी.  पुरातत्त्ववेत्ताओं  ने महाभारत के विषय में ऐसी काल्पनिक समय सीमा खींच दी है जिसमें आधी दुनिया पागल है . यह आगे और पीछे के विषय को समझने में बहुत दिक्कत उत्पन्न   करती  हैं . जो भी हो डॉ. बी. बी. लाल और डॉ. अस. आर. राव के महाभारत की समय सीमा अशुद्ध है. जिस आधार पर महाभारत का समय निर्धारित की गई है वह चन्द्रगुप्त मौर्य का समय है जो ३२३ ईस्वी पूर्व मान कर की गई है. जब आधार ही गलत हो तब आगे की समय सीमा गलत ही होगी. यही आकलन चन्द्रगुप्त मौर्य का समय १५१६ ईस्वी पूर्व मान कर स